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तंत्रस्नेही प्रशिक्षण
Wednesday, February 1, 2017
सचिन रमेश तेंडुलकर
सचिन रमेश तेंडुलकर (एप्रिल २४, १९७३:मुंबई)
उच्चार: [səʨin rəmeˑɕ TÉÑDÜLKÄR] (सहाय्य·माहिती)) हा क्रिकेटविश्वातडॉन ब्रॅडमन याच्यानंतर जागतिक स्तरावर सर्वोत्तम मानला जाणारा माजी भारतीय क्रिकेटपटू आहे. इ.स. २००२ मध्ये, कारकिर्दीच्या बाराव्या वर्षीच, विस्डेनने डॉन ब्रॅडमन याच्यानंतर सार्वकालिक दुसरा सर्वोत्तम कसोटी फलंदाज म्हणून तर एकदिवसीय आंतरराष्ट्रीय सामन्यांमधील व्हिव रिचर्ड्स याच्यानंतरचा दुसरा सार्वकालिक सर्वोत्तम फलंदाज म्हणून सचिन तेंडुलकरची निवड केली होती.[१] २०११ च्या विश्वचषकविजेत्या भारतीय संघात तेंडुलकरचा समावेश होता. २००३ मधील क्रिकेट विश्वचषकात तो मालिकेतील सर्वोत्तम खेळाडू म्हणून निवडला गेला होता. आंतरराष्ट्रीय सामन्यांमध्ये शतकांचे शतक करणारा तो एकमेव क्रिकेटपटू आहे. २० नोव्हेंबर २००९ रोजी त्याने कारकिर्दीतील ३०,००० आंतरराष्ट्रीय धावांचा टप्पा पार केला.

पद्म विभूषण आणि राजीव गांधी खेलरत्न या पुरस्कारांनी तो सन्मानित केला गेला आहे. सचिनला भारत रत्न हा सर्वोच्च नागरी सन्मान देण्यात आला .[२] हा सन्मान त्याला त्याच्या क्रिकेट मधील निवृत्तीच्या दिवशी जाहीर झाला. भारतीय विमानदलाने त्याला ग्रुप कॅप्टन हा गौरवात्मक हुद्दा प्रदान केलेला आहे. असा मान मिळालेला तो पहिला खेळाडू आणि विमानोड्डाणाची पार्श्वभूमी नसलेला पहिला माणूस आहे. राजीव गांधी युनिव्हर्सिटी ऑफ हेल्थ सायन्सेसने आणि म्हैसूर विद्यापीठाने सचिनला मानद डॉक्टरेट पदव्या प्रदान केलेल्या आहेत. ६ नोव्हेंबर २०१२ रोजी सचिनला मुंबईत मेंबर ऑफ दी ऑर्डर ऑफ ऑस्ट्रेलिया हा गौरव प्रदान करण्यात आला.
सचिन तेंडुलकर राज्यसभेचा खासदारही आहे.
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस
मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
विज्ञान से होने वाले लाभों के प्रति समाज में जागरूकता लाने और वैज्ञानिक सोच पैदा करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तत्वावधान में हर साल 28 फ़रवरी को भारत में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है। 28 फ़रवरी सन् 1928 को सर सीवी रमन ने अपनी खोज की घोषणा की थी। इसी खोज के लिये उन्हे 1930 में नोबल पुरस्कार दिया गया था।
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का मूल उद्देश्य तरुण विद्यार्थियों को विज्ञान के प्रति आकर्षित व प्रेरित करना तथा जनसाधारण को विज्ञान एवं वैज्ञानिक उपलब्धियों के प्रति सजग बनाना है। इस दिन सभी विज्ञान संस्थानों, जैसे राष्ट्रीय एवं अन्य विज्ञान प्रयोगशालाएं, विज्ञान अकादमियों, स्कूल और कॉलेज तथा प्रशिक्षण संस्थानों में विभिन्न वैज्ञानिक गतिविधियों से संबंधित प्रोग्राम आयोजित किए जाते हैं। महत्त्वपूर्ण आयोजनों में वैज्ञानिकों के भाषण, निबंध, लेखन, विज्ञान प्रश्नोत्तरी, विज्ञान प्रदर्शनी, सेमिनार तथा संगोष्ठी इत्यादि सम्मिलित हैं। विज्ञान के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए राष्ट्रीय एवं दूसरे पुरस्कारों की घोषणा भी की जाती है। विज्ञान की लोकप्रियता को बढ़ाने के लिए विशेष पुरस्कार भी रखे गए हैं।
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